Asarsaar News Desk
कार्यक्रम का नेत्रत्व मीडिया प्रभारी अंकुर दीक्षित ने किया. पितरों को तर्पण देते हुए उन्होंने कहा कि जिन हुतात्मा क्रांतिवीरो के लहू-दीप से आज राष्ट्र जीवन सतत् आलोकित है, उन भारत माता के वीर सपूतों के त्याग, बलिदान व समर्पण को नमन करना हमारा राष्ट्रीय दायित्व एवं पुनीत कर्तव्य है। भारत वर्ष की सनातन संस्कृति में पितरों के प्रति श्रद्र्धापण की सुदीर्घ परंपरा रही है। अश्विन मास को पित्र पक्ष की संज्ञा भी दी गयी ह। स्वातंत्रय समर, राष्ट्र विभाजन व राष्ट्र रक्षा में शहीद अंसख्य बलिदानियों की आत्मा हम सब की ओर निहार रही। अनगिनत क्रान्तिकारियों ने देशहित में परिणय को स्वीकार नहीं किया। उनकी वंशावली पर लौकिक विराम लगा, किन्तु नहीं, वे हमारे पितर है, क्योंकि उनका बलिदान हम सबके स्वर्णिम भविष्य की आधारशिला थी।
इस अवसर उपस्थित रहें .
संस्थान मीडिया प्रभारी अंकुर दीक्षित , सदस्य देवांश दीक्षित , संतोष कुमार पटवारी, मनोज त्रिवेदी ,पूर्व प्रधानाध्यापक श्री हरद्वारी लाल दीक्षित ।
सनातन संस्कृति में पितरों के प्रति श्रद्र्धापण की सुदीर्घ परंपरा रही है- अंकुर दीक्षित
पितृपक्ष अमावस्या की आमवस्या के अवसर पर लखीमपुर जिले के ग्राम दतौली तहसील मितौली में हमराह एक्स कैडेट एनसीसी सेवा संस्थान के तत्वावधान में पितरों को नमन करते हुए वृक्षारोपण किया गया.कार्यक्रम का नेत्रत्व मीडिया प्रभारी अंकुर दीक्षित ने किया. पितरों को तर्पण देते हुए उन्होंने कहा कि जिन हुतात्मा क्रांतिवीरो के लहू-दीप से आज राष्ट्र जीवन सतत् आलोकित है, उन भारत माता के वीर सपूतों के त्याग, बलिदान व समर्पण को नमन करना हमारा राष्ट्रीय दायित्व एवं पुनीत कर्तव्य है। भारत वर्ष की सनातन संस्कृति में पितरों के प्रति श्रद्र्धापण की सुदीर्घ परंपरा रही है। अश्विन मास को पित्र पक्ष की संज्ञा भी दी गयी ह। स्वातंत्रय समर, राष्ट्र विभाजन व राष्ट्र रक्षा में शहीद अंसख्य बलिदानियों की आत्मा हम सब की ओर निहार रही। अनगिनत क्रान्तिकारियों ने देशहित में परिणय को स्वीकार नहीं किया। उनकी वंशावली पर लौकिक विराम लगा, किन्तु नहीं, वे हमारे पितर है, क्योंकि उनका बलिदान हम सबके स्वर्णिम भविष्य की आधारशिला थी।
इस अवसर उपस्थित रहें .
संस्थान मीडिया प्रभारी अंकुर दीक्षित , सदस्य देवांश दीक्षित , संतोष कुमार पटवारी, मनोज त्रिवेदी ,पूर्व प्रधानाध्यापक श्री हरद्वारी लाल दीक्षित ।
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