DailyNews.. महमूदाबाद । तहसील महमुदाबाद में प्राइवेट वाहन राजस्व विभागों को लाखों रूपये का चूना लगा रहे हैं। सूबों की माने तो महमूदाबाद "तहसील में प्राइवेट ब लाजरी गाडियों राजस्व बिभाग को लाखों रूपयों का चूना लगा रही हैं। अगर अपको कहीं भी जाना हो तो हर अड्डे पर ट्रांन्सपोर्टरों की हर समय प्राइवेट व लक्सजरी गाडियों सवारियों को लाने ले जाने के लिये तैयार मिलेगी कहीं भी जाना हो तो बाहन
आपरेटरों की दुकाने आपके लिए खुली हैं। अगर कोई बन्द भी है तो घबराने की बात बिल्कुल भी नहीं है। दुकान पर लिखे नम्बरों पर सम्पर्क . कीजिए रूपया तय कीजिए और गाडी
कही. भी ले जाइये जहाँ भी आपको सत प्रतिशत उन गाड़ियों का न तो कोई कमर्शियल रजिस्ट्रेशन और न ही किसी प्रकार का कोई परमिट है। अधिकांश गाड़ियाँ प्राइवेट ही है जो कि पब्लिक सेवा कानूनी रूप से वर्जित है इससे ज्यादा तो "बुरा हाल डग्गामार वाहनों का है चले वह थी व्हीलर हो या फोर व्हीलर हो जिसमेँ सत् प्रतिशत गाडियों का रजिस्ट्रेशन भी नहीं होगा यही हीनहीँ कुछ गाडियॉ तो ऐसी भी है जिनके नम्बरों का भी कुछ अता- पता भी नहीं है और नम्बर भी पड़े है तो वह भी अर्थ अधूरे। यही नहीं यह डग्गत्मार वहन सवारियों को भेड़ बकरियों की तरह ठूस ठूस कर भरते है और किराया भी पूरा वसूल करते हैं। कम किराया देने पर गाली गलौज और मारपीट पर भी उतारा हो जाते है यही नहीं महमूदाबाद प्राइवेट स्कूलों में इसी तरह के अवैध डग्गामार वाहनों का प्रयोग छात्रों को लाने और ले जाने की लिए किया जा रहा है . प्रशासन सब कुछ जान कर भी अनजान बना हुआ है आखिर कोई ठोस कार्यवाही क्यों नहीं होती.
रिपोर्ट :- अमर कश्यप महमूदाबाद
आपरेटरों की दुकाने आपके लिए खुली हैं। अगर कोई बन्द भी है तो घबराने की बात बिल्कुल भी नहीं है। दुकान पर लिखे नम्बरों पर सम्पर्क . कीजिए रूपया तय कीजिए और गाडी
कही. भी ले जाइये जहाँ भी आपको सत प्रतिशत उन गाड़ियों का न तो कोई कमर्शियल रजिस्ट्रेशन और न ही किसी प्रकार का कोई परमिट है। अधिकांश गाड़ियाँ प्राइवेट ही है जो कि पब्लिक सेवा कानूनी रूप से वर्जित है इससे ज्यादा तो "बुरा हाल डग्गामार वाहनों का है चले वह थी व्हीलर हो या फोर व्हीलर हो जिसमेँ सत् प्रतिशत गाडियों का रजिस्ट्रेशन भी नहीं होगा यही हीनहीँ कुछ गाडियॉ तो ऐसी भी है जिनके नम्बरों का भी कुछ अता- पता भी नहीं है और नम्बर भी पड़े है तो वह भी अर्थ अधूरे। यही नहीं यह डग्गत्मार वहन सवारियों को भेड़ बकरियों की तरह ठूस ठूस कर भरते है और किराया भी पूरा वसूल करते हैं। कम किराया देने पर गाली गलौज और मारपीट पर भी उतारा हो जाते है यही नहीं महमूदाबाद प्राइवेट स्कूलों में इसी तरह के अवैध डग्गामार वाहनों का प्रयोग छात्रों को लाने और ले जाने की लिए किया जा रहा है . प्रशासन सब कुछ जान कर भी अनजान बना हुआ है आखिर कोई ठोस कार्यवाही क्यों नहीं होती.
रिपोर्ट :- अमर कश्यप महमूदाबाद