Asarsaar News Desk
गुरुजन सम्मान में B.Ed विभाग के छात्र-छात्राओं ने किया कविता पाठ।।
उन्नाव / अगर गुरु है तो गुरु की बात मानी जाएगी क्योंकि गुरु चयनित करने के पहले थोड़ा सोच लीजिए नहीं तो गड़बड़ है कवियों के द्वारा कहा " जा गुरु आंध्रा चेला धरा निरंतर अंधे को अंधा मिला महाकाल के पंग " गुरु चुनने के पहले यह निश्चय कर लीजिए क्योंकि ' बिनु हरि कृपा मिलें नहीं संता ' और संतों में मैं भी कोई महान संत होगा जिसमें सच्चे गुरु के गुण पाए जाते हैं यह बात उन्नाव जिले की दयानंद सुभाष नेशनल महाविद्यालय की B.Ed विभाग में गुरु पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान शिक्षाविद डॉक्टर सुनिल वर्मा ने कही आगे उन्होंने बताया गुरु शब्द के अर्थ को समझना अति आवश्यक है और गुरु महिमा समझ कर छात्र मैं यह गुणता विकसित की जाती है ताकि वह भविष्य में B.Ed के छात्र जब शिक्षक बनी जाकर तो वह छात्रों के जीवन का अंधकार मिटा कर उसे प्रकाश में कर सके।
डी एस एन महाविद्यालय के B.Ed विभाग में गुरु पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के बतौर मुख्य अतिथि प्राचार्य मानवेंद्र सिंह रहे कार्यक्रम दीप प्रज्ज्वलन मुख्य अतिथि के द्वारा किया गया कार्यक्रम की शुरुआत छात्राध्यापक के द्वारा सरस्वती वंदना कर की गई जिसमें कार्यक्रम का मंच संचालन छात्राध्यापक शिवाकर किया वही कार्यक्रम का संबोधन कर रहे B.Ed विभाग के शिक्षक डॉक्टर विपिन सिंह ने बताया छात्र और शिक्षकों के बीच आत्मीय संबंध आदर्श गुरु तथा आदर्श शिष्य की ओर इशारा करता है जिससे छात्र अपने गुरु को समझते हैं और गुरु अपने छात्रों को चलता सिखाते हैं वही सभागार में उपस्थित संबोधन के दौरान डॉक्टर ममता चतुर्वेदी ने गुरु के महत्व की महिमा को बताते हुए कहा हमारी प्रथम गुरु मां होती है और हमें गुरु की महिमा को समझना चाहिए और हम गुरु के द्वारा बताए गए रास्ते पर चलकर उन्नति के पथ को प्राप्त करते हैं और गुरु की दिए गए ज्ञान को कभी अदा नहीं कर सकते हम सब को गुरुजनों के सम्मान के लिए निरंतर तैयार रहना चाहिए इसी श्रंखला को आगे बढ़ाते हुए डॉक्टर डॉ गीता मां ने समस्त छात्र अध्यापकों को संबोधित करते हुए कहा हम पूरे तंत्र को तो नहीं सुधार सकते लेकिन यदि सभी यहां पर भविष्य में होने वाले शिक्षक हैं यदि आप सब अपनी भूमिका को एक आदर्श शिक्षक की भांति स्थापित करेंगे तो निश्चित रुप से हमारी सबसे बड़ी गुरुदक्षिणा होगी क्योंकि गुरु की सबसे बड़ी संपत्ति उसका छात्र होता है जिसके कृत्यों से गुरु उच्च शिखर को प्राप्त करता है हिंदी साहित्य के आधुनिक युग में आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी का नाम उनके आदर्श शिष्य मैथिलीशरण गुप्त की नाम से जाना एक वर्तमान समय में जीता जागता उदाहरण।
डी एस एन कॉलेज 27 जुलाई 2018 को डी एस एन कॉलेज B.Ed विभाग में गुरु पूर्णिमा के उपलक्ष आयोजित कार्यक्रम विगत 5 वर्षों के पूर्व छात्र की बहुमुखी प्रतिभा आकर्षण का विषय बना रहा जिससे नए छात्रों ने उन्हें अपना आदर्श मान कर विशेष सम्मान किया महाविद्यालय में गुरुओं के सम्मान के लिए कार्यक्रम आयोजित किया गया कार्यक्रम इस मौके पर विभाग के एचओडी डॉक्टर ममता चतुर्वेदी डॉक्टर गीता डॉक्टर रचना त्रिवेदी , डॉक्टर सुनिल वर्मा , डॉक्टर विपिन विपिन सिंह , डॉक्टर जुगेश , डॉ तरुण , छात्राध्यापक चंद्रशेखर प्रिया सुरेंद्र कुमार श्रीकांत गुप्ता अभिषेक मधुकर कुशवाहा आदि लोग उपस्थित रहे
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