Asarsaar News Desk

अजीत सिंह बागी
ब्यूरो चीफ
उत्तर प्रदेश
।लखनऊ विश्वविद्यालय छात्र संघर्ष मोर्चा के बैनर से धर्म निरपेक्ष राजनैतिक दलों का सम्मेलन गंगा प्रसाद मेमोरियल हॉल में होना था लेकिन छात्रों के आंदोलन से डर कर सरकार के कहने पर प्रशासन ने हॉल की अनुमति को अचानक रात में 8:00 बजे रद्द कर दिया। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर ये हमला ये दिखाता है कि उत्तर प्रदेश सरकार छात्रों के आंदोलन के सामने घुटने टेक चुका है। अनुमति को रद्द करने के बाद जब हम लोगों ने जिला प्रशाशन के अधिकारियों से इस बारे में संपर्क किया तो उनके द्वारा हमे बताया गया कि प्रशाशन को सरकार द्वारा आदेश दिया गया है कि छात्रों के कार्यक्रम को न होने दिया जाये। जिसके बाद मोर्चे द्वारा यह तय किया गया कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक अधिकारों पर हो रहे हमले के खिलाफ जीपीओ स्थित गांधी प्रतिमा हजरतगंज पर शांतिपूर्वक विरोध दर्ज कराया जिस सम्मेलन में नेता प्रतिपक्ष सहित विपक्ष के सभी ज़िम्मेदार नेता आ रहे हो , उस सम्मेलन के लिए हॉल की अनुमति न दिया जाना साबित करता है कि अघोषित_आपातकाल है और इस सरकार को लोकतंन्त्र के मूल्यों में कोई भरोसा नहीं है ।
दमन से कभी संघर्ष कमज़ोर नही हुए है , यह संघर्ष भी आगे बढ़ेगा ।क्योंकि यह_अघोषित_आपातकाल_है।
लखनऊ के सभी जनसंगठनों , पार्टियों और अमनपसंद नागरिकों से अपील है कि आज 12 अगस्त को दोपहर 1 बजे गांधी प्रतिमा , जी पी ओ , हज़रत गंज पर पहुंचे और लोकतंन्त्र को कुचलने की कोशिश को नाकामयाब करें। आज की हमारी आवाज़ कल बदलाव का शोर बनेगी वर्ना लोकतंन्त्र सिसक सिसक के दम तोड़ देगा ।
यह_लोकतंन्त्र_बचाने_की_लडाई_है आज़ादी से पहले #अंग्रेजों के दौर में 1936 में छात्र लखनऊ के #गंगा_प्रसाद_सभागार में सम्मेलन करते हैं जिसको जवाहर लाल नेहरू , जिन्ना सहित अनेकों नेता संबोधित करते है , इस सम्मेलन से देश में पहला छात्र संगठन #aisf के रूप में जन्म लेता है । ग़ुलामी के दौर मे छात्र सम्मेलन करने के लिए स्वतंत्र थे ।
आज आज़ाद भारत में #मोदी_योगी राज में छात्रों को उसी गंगा प्रसाद सभागार में सम्मेलन ,जिसमे सभी विपक्षी नेता शामिल हो रहे हो, करने नही दिया जाता है । इस फ़ासीवादी हमले का मुकाबला कीजिये वर्ना लाखों कुर्बानियों से मिली आज़ादी ही छीन जाएगी ।
लखनऊ विश्वविद्यालय छात्र संघर्ष मोर्चा की प्रतिरोध सभा को माननीय नेता प्रतिपक्ष श्री राम गोविंद चौधरी,सीपीएम राज्य सचिव श्री हीरालाल यादव,राजद प्रदेश अध्यक्ष श्री अशोक कुमार सिंह जी,एडवा की अखिल भारतीय उपाध्यक्ष सुधा सुन्दररमन, प्रदेश सचिव मधु गर्ग,ज़िला सचिव सीमा राणा,ज़िला अध्यक्ष सुमन सिंह,इलाहाबाद विश्वविद्यालय की नेता नेहा यादव,रीमा यादव,किशन मौर्या ने धरने में आकर समर्थन दिया

अजीत सिंह बागी
ब्यूरो चीफ
उत्तर प्रदेश
।लखनऊ विश्वविद्यालय छात्र संघर्ष मोर्चा के बैनर से धर्म निरपेक्ष राजनैतिक दलों का सम्मेलन गंगा प्रसाद मेमोरियल हॉल में होना था लेकिन छात्रों के आंदोलन से डर कर सरकार के कहने पर प्रशासन ने हॉल की अनुमति को अचानक रात में 8:00 बजे रद्द कर दिया। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर ये हमला ये दिखाता है कि उत्तर प्रदेश सरकार छात्रों के आंदोलन के सामने घुटने टेक चुका है। अनुमति को रद्द करने के बाद जब हम लोगों ने जिला प्रशाशन के अधिकारियों से इस बारे में संपर्क किया तो उनके द्वारा हमे बताया गया कि प्रशाशन को सरकार द्वारा आदेश दिया गया है कि छात्रों के कार्यक्रम को न होने दिया जाये। जिसके बाद मोर्चे द्वारा यह तय किया गया कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक अधिकारों पर हो रहे हमले के खिलाफ जीपीओ स्थित गांधी प्रतिमा हजरतगंज पर शांतिपूर्वक विरोध दर्ज कराया जिस सम्मेलन में नेता प्रतिपक्ष सहित विपक्ष के सभी ज़िम्मेदार नेता आ रहे हो , उस सम्मेलन के लिए हॉल की अनुमति न दिया जाना साबित करता है कि अघोषित_आपातकाल है और इस सरकार को लोकतंन्त्र के मूल्यों में कोई भरोसा नहीं है ।
दमन से कभी संघर्ष कमज़ोर नही हुए है , यह संघर्ष भी आगे बढ़ेगा ।क्योंकि यह_अघोषित_आपातकाल_है।
लखनऊ के सभी जनसंगठनों , पार्टियों और अमनपसंद नागरिकों से अपील है कि आज 12 अगस्त को दोपहर 1 बजे गांधी प्रतिमा , जी पी ओ , हज़रत गंज पर पहुंचे और लोकतंन्त्र को कुचलने की कोशिश को नाकामयाब करें। आज की हमारी आवाज़ कल बदलाव का शोर बनेगी वर्ना लोकतंन्त्र सिसक सिसक के दम तोड़ देगा ।
यह_लोकतंन्त्र_बचाने_की_लडाई_है आज़ादी से पहले #अंग्रेजों के दौर में 1936 में छात्र लखनऊ के #गंगा_प्रसाद_सभागार में सम्मेलन करते हैं जिसको जवाहर लाल नेहरू , जिन्ना सहित अनेकों नेता संबोधित करते है , इस सम्मेलन से देश में पहला छात्र संगठन #aisf के रूप में जन्म लेता है । ग़ुलामी के दौर मे छात्र सम्मेलन करने के लिए स्वतंत्र थे ।
आज आज़ाद भारत में #मोदी_योगी राज में छात्रों को उसी गंगा प्रसाद सभागार में सम्मेलन ,जिसमे सभी विपक्षी नेता शामिल हो रहे हो, करने नही दिया जाता है । इस फ़ासीवादी हमले का मुकाबला कीजिये वर्ना लाखों कुर्बानियों से मिली आज़ादी ही छीन जाएगी ।
लखनऊ विश्वविद्यालय छात्र संघर्ष मोर्चा की प्रतिरोध सभा को माननीय नेता प्रतिपक्ष श्री राम गोविंद चौधरी,सीपीएम राज्य सचिव श्री हीरालाल यादव,राजद प्रदेश अध्यक्ष श्री अशोक कुमार सिंह जी,एडवा की अखिल भारतीय उपाध्यक्ष सुधा सुन्दररमन, प्रदेश सचिव मधु गर्ग,ज़िला सचिव सीमा राणा,ज़िला अध्यक्ष सुमन सिंह,इलाहाबाद विश्वविद्यालय की नेता नेहा यादव,रीमा यादव,किशन मौर्या ने धरने में आकर समर्थन दिया
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