Asarsaar News Desk
लखनऊ | हमराह एक्स कैडेट एन.सी.सी. सेवा संस्थान ने 3 यू.पी. नेवल एन.सी.सी. को स्थानान्तरित करके गोरखपुर या अयोध्या ले जाने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए संस्थान ने पूर्व कैडेटों के साथ हजरतगंज के गांधी प्रतिमा पर धरना प्रदर्शन किया क्योंकि 3 यू.पी. नेवल एन.सी.सी. जो 55 वर्षों से लखनऊ में संचालित हो रही है और 3 यू.पी. नेवल एन.सी.सी ने कई मौकों पर लखनऊ ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश को शोहरत और इज़्जत दिलाने का कार्य किया है। इसके बावजूद लखनऊ के सरज़मी से 3 यू.पी. नेवल एन.सी.सी को हटाने का प्रयास जो एन.सी.सी. मुख्यालय उत्तर प्रदेश कर रहा है यह कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।
प्रदर्शन के दौरान संस्थान के संस्थापक व पूर्व एन.सी.सी. कैडेट अजीत सिंह ने कहा कि अगर लखनऊ में गोमती नदी का जल स्तर गिर रहा है तो यह बहुत ही दयनीय और सोचनीय विषय है, क्योंकि जलीय जीवों के साथ मानव जीवन के लिए गोमती नदी का पानी जीवनदायिनी है। अगर गोमती नदी का पानी इतना कम है तो अब तक एन.सी.सी. प्रशासन ने क्यों नहीं सिंचाई विभाग को इसकी पूर्व सूचना दी और अगर गोमती नदी के जल स्तर गिरने की वजह से 3 यू.पी. नेवल एन.सी.सी को हटाया जा रहा है तो उससे पहले मध्य कमान के लाखों सैनिक और अफसरों को लखनऊ से बाहर किया जाए, क्योंकि गोमती का पानी सर्वाधिक मध्य कमान प्रयोग में लाता है, इसलिए मध्य कमान को स्थानान्तरित किया जाना चाहिए, 3 यू.पी. नेवल एन.सी.सी. को नहीं। यह सब एक सोची समझी साजिश के तहत हो रहा है, क्योंकि वर्ष 2013 में एन.सी.सी. मुख्यालय, उत्तर प्रदेश ने लखनऊ से एन.सी.सी. दिवस को हटाया था, उसी साजिश के तहत वर्ष 2016 में आई.जी.सी. को हटाकर गाजियाबाद कर दिया गया है। जबकि एन.सी.सी. दिवस पर उत्तर प्रदेश के राज्यपाल और तत्कालीन मुख्यमंत्री एन.सी.सी. दिवस के मुख्य अतिथि होते थे। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि उसी साजिश के तहत 3 यू.पी. नेवल एन.सी.सी. विंग को हटाने की साजिश रची गयी है। जिसे संस्थान बर्दाश्त नहीं करेगा। इसके लिए सड़क से संसद तक लड़ाई लड़ने के लिए पूर्व एन.सी.सी. कैडेट तैयार हैं।
वहीं हमराह संस्थान के सचिव ज्ञानेश पाल ने कहा कि लखनऊ की आन बान व शान 3 यू.पी. नेवल एन.सी.सी. विंग को नही हटने दिया जायेगा। इसके लिए चाहे जो करना पड़े, किया जायेगा। इस समस्या से उबरने के लिए कानूनी सलाह ली जा रही है।
वहीं हमराह संस्थान के छात्र सभा अध्यक्ष/पूर्व एन.सी.सी. कैडेट रातेन्द्र सिंह ने कहा कि बेकसूर नेवल के वे 400 कैडेट जो एन.सी.सी. कर रहे हैं उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ करने नहीं दिया जायेगा। अगर जरूरत पड़ी तो आमरण अनशन और भूख हड़ताल पर जाने से कोई नहीं रोक सकता है।
वहीं हमराह संस्थान के मीडिया प्रभारी अंकुर दीक्षित ने कहा कि मुस्कुराइये कि आप लखनऊ में हैं लेकिन तमीज़ और तहज़ीब के शहर लखनऊ की आबो हवा को उत्तर प्रदेश एन.सी.सी. मुुख्यालय द्वारा खराब करने का प्रयास किया जा रहा है, क्योंकि 3 यू.पी. नेवल एन.सी.सी. लखनऊ में एक चमकते हुए हुए चांद की तरह है जिसके नाम पर धब्बा लगाने का प्रयास किया जा रहा है। जो लखनऊ की तहज़ीब और तमीज़ को कतई बर्दाश्त नहीं है।
हमराह संस्थान के संयोजक सहर्ष श्रीवास्तव ने कहा कि 3 यू.पी. नेवल एन.सी.सी. के पास जो वोट हैं क्या वह सही है, क्योंकि जानकारी के मुताबिक 15 सालों सेे लेकर अब तक कोई भी बेलर बोट नहीं खरीदी गयी, पुरानी बोट में छेद है, जिसे पानी में उतारने के बाद बोट डूब जायेगी और कैडेट मौत को गले लगा लेंगे। जब बोट को पानी में उतारा ही नहीं जा सकता तो कैसे एन.सी.सी. मुख्यालय कह सकता है? कि गोमती नदी में पानी कम है, जबकि आज ही 3 यू.पी. नेवल एन.सी.सी. के कैडेटों ने एसाल्ट बोट (लोहे की) को चलाकर यह साबित किया कि गोमती नदी में इतना पानी है कि किसी भी बोट को चलाया जा सकता है और यहां से 3 यू.पी. नेवल एन.सी.सी. को कहीं और भेजने की कोई आवश्यकता नहीं है और यदि पानी की कमी है तो कुड़िया घाट पर इतना पानी है कि पूरे एन.सी.सी. मुख्यालय को उसमें डुबोया जा सकता है।
इस प्रदर्शन में अजय सिंह उपाध्यक्ष, जे.पी. द्विवेदी कोआर्डिनेटर, राकेश, प्रशान्त तिवारी संयुक्त सचिव, हर्षित श्रीवास्तव, अनुमोदित मिश्रा, अरविन्द तिवारी, कृष्ण कुमार अंशु कश्यप, विजय तिवारी, विशाल शर्मा, मो रोमान, इजहार अहमद, अन्य पूर्व एन.सी.सी. कैडेट व समाजसेवी उपस्थित रहे।